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Showing posts from April, 2016

सिंघाडे में है इतने सारे औषधीय गुण !

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               सिंघाडे को Trapa Bispinosa भी कहा जाता है। यह त्रिकोने आकार का फल होता है । यह स्वास्थ के लिए पौष्टिक और विटामिन युक्त फल है। सिंघाडे का प्रयोग कच्चा और पका कर दोनों ही रूपों में किया जाता है। साथ ही सिंघाड़े का आटे का प्रयोग भी किया जाता है। सिंघाडे में विटामिन ए, बी और सी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह खनिज, लवण और कार्बोहाइड्रेट युक्त भी होता है। अब जानते हैं क्या हैं सिंघाड़े में छिपे हुए आयुर्वेदिक गुण जो आपके स्वास्थ को लाभ पहुंचा सकते हैं।          सिंघाडे़ के लाभ-  सिंघाड़ा कोई साधारण फल नहीं है इसमें छिपे हैं कई गुण जो आपके शरीर और स्वास्थ दोनों के लिए लाभदायक हैं। सिंघाड़े के ये गुण शायद अभी तक आपको नहीं मालूम थे। अब नियमित रूप से इसका सेवन करें ताकी आप और आपका परिवार स्वस्थ जीवन जी सके। जो लोग अस्थमा के रोगी हैं उनके लिए सिंघाड़ा वरदान से कम नहीं है। अस्थमा के रोगीयों को 1 चम्मच सिंघाड़े के आटे को ठंडे पानी में मिलाकर सेवन करना चाहिए। एैसा नियमित करने से अस्थमा रोग में लाभ मिलता है। बवासीर के रोग में सिंघाड़े के सेवन से लाभ मिलता है। यदि सूखे या खूनी बवासी

जानिए पॉपकॉर्न खाने के क्या हैं फायदे ?

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              पॉपकॉर्न की न्यूट्रिशनल वैल्यू फलों और सब्जियों से भी ज्यादा होती है। ये खाने में टेस्टी होने के साथ ही कई हेल्थ प्रॉब्लम्स दूर करने में भी फायदेमंद है। इसे बटर या दूसरी हाई कैलोरी सामग्री डाले बिना खाएं और जानें इसके फायदे… 1) पॉपकॉर्न शुगर फ्री, फैट फ्री और कम कैलोरी वाला स्नक है।  2) फ्री रेडिकल्स शरीर को नुकसान देते हैं हेसे झुर्रियां, बल'झड़ना, आँखों में कमज़ोरी। लेकिन पॉपकॉर्न में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट इसका असर कम करते हैं।  3) पेंटोथेनिक एसिड विटामिन B का अच्छा स्रोत है जो स्ट्रेस को'कम 'करता हैं और मेटाबॉलिज़म को ठीक रखता है।  4) पॉपकॉर्न फाइबर के साथ विटामिन B और E का अच्छा स्रोत है जो कब्ज़ और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर रखता है।  5) पॉपकॉर्न शरीर में इन्सुलिन का स्तर ठीक रख'क्र ब्लड शुगर को संतुलित रखता है।  6) इसमें थाइमिन एंजाइम'होता है जो की दिमागी विकास के लिए बहुत जरूरू होता है।

सिंहस्थ के पहले शाही स्नान में डुबकी लगने भगवान भी आए !

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                 सिंहस्थ के पहले शाही स्नान में भक्ति उस समय चरम पृ पहुंच गई जब साधु -संतों के साथ -साथ आसमान से देवता भी धरती पर उत्तर आए। ये दृश्य वहां उपस्थित कई लोगों ने देखा जिसके बाद ये तस्वीरें वायरल हो गई। बादलों में ऐसी आकृतियाँ बनी जैसे की देवता अपने रथ पर सवार हो क्र धरती पर आ रहें हो।

हींग से इस प्रकार करें घरेलू उपचार

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               असाफोटीडा को जिसे हम हींग भी कहते हैं, भारतीय खाने में एक ख़ास जगह है। जब दूसरे मसालों के साथ पकाया जाता है तो हींग की तेज़ खुशबू व्यंजन में एक अलग ज़ायका लाती है। यह ज़्यादातर दाल, सांबर या कई अन्य मसालेदार शाकाहारी व्यंजन में इस्तमाल किया जाता है। यह तड़का लगाने या अचार में भी इस्तमाल किया जाता है।                 इस जड़ी बूटी की औषधीय विशेषता भी है। हींग पेट में गैस होने पर, सूजन पर, विरेचक औषधि के रूप में भी कारगर होता है। यह विचार शक्ति बढ़ाता है और उपशामक भी है। हींग अपच, उदरशूल, अजीर्ण, दांत दर्द, जुकाम, खांसी, सर्दी के कारण सिरदर्द, बिच्छू, बर्र आदि के जहरीले प्रभाव और जलन को कम करने में काम आती है। यहाँ पर हींग के कुछ स्वस्थ्य लाभ दिए गए हैं: 1) दांतों में कीड़ा लग जाने पर रात्रि को दांत में हींग दबाकर सोएँ। कीड़े खुद-ब-खुद निकल जाएंगे। 2) यदि शरीर के किसी हिस्से में कांटा चुभ गया हो तो उस स्थान पर हींग का घोल भर दें। कुछ समय में कांटा स्वतः निकल आएगा। 3) हींग में रोग-प्रतिरोधक क्षमता होती है। दाद, खाज, खुजली व अन्य चर्म रोगों में इसको पानी में घिसकर उन स्थ

छोटी सी सौंफ के बड़े-बड़े फायदे.........

              अक्सर रेस्त्रां में खाने के बाद आपके सामने माउथ फ़्रेशनर के तौर पर सौंफ रखी जाती है। लेकिन मुँह की बदबू दूर करने के अलावा भी सौंफ के फ़ायदे होते हैं। सौंफ में आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, मैंगनीज, जिंक और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स पाए जाते हैं। इससे हमारे शरीर को कई फ़ायदे मिलते हैं। आपको बताते हैं कि सौंफ खाने से और क्या-क्या फ़ायदे होते हैं। बदहज़मी में मिलती राहत बदहज़मी और कब्ज़ जैसी बीमारियों में भी सौंफ के फ़ायदे मिलते हैं। जैसे ही आप सौंफ को चबाना शुरू करते हैं, इसमें मौजूद तत्व पाचन क्रिया का काम करना शुरू कर देते हैं। साथ ही इसमें मौजूद फ़ाइबर कब्ज़ की समस्या को दूर करता है। बीपी को भी कंट्रोल करती है जर्नल ऑफ़ फ़ूड साइंस के अध्ययन के अनुसार सौंफ में नाइट्राइड और नाइट्रेट काफ़ी मात्रा में पाए जाते हैं। ये दोनों नए रक्त कोशिकाओं के बनने में सहायता करते हैं। ये लार में नाइट्राइड की मात्रा को बढ़ाकर नैचुरल तरीके से बीपी को नियंत्रित करती है। सौंफ में पोटैशियम की उच्च मात्रा कोशिका के लिए ज़रूरी तत्वों में से एक है। मुँहासों को आने से रोके एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-ऑक्सिड

बालों को काला करने के आयुर्वेदिक टिप्स

               बालों को प्राकृतिक रूप से काला करने के लिये आयुर्वेद में उपायों का खजाना है. काले-घने और लंबे बालों का राज है बालों की जड़ों को मिलने वाला पोषण। बालों को पोषण कलर, डाई या शैंपू से नहीं बल्कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों (Ayurvedic Herbs) वाले से धोने या आयुर्वेदिक तेल (Ayurvedic Oils) लगाने से मिलता है।               आइए जानते हैं, कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपायों (Ayurveidc Tips or Home Remedies) के बारे में जिसे इस्तेमाल करने से बाल न सिर्फ काला होता है बल्कि उनमें कुदरती चमक भी आती है। साथ ही, बालों का झड़ना-गिरना (Hair Fall) भी बंद हो जाता है। 1. आंवला पाउडर (Aanvala Powder) आंवले के पाउडर को लोहे के काले रंग के बर्तन में एक दिन तक रखिए और दूसरे दिन सुबह इसमें थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए। इस पेस्ट को पूरे एक हफ्ते तक पानी मिला कर लोहे बर्तन में रखना है। हफ्ते भर में यह पेस्ट बिल्कुल काला हो जाएगा। जब यह पेस्ट पूरी तरह काला हो जाए तो इसे डाई की तरह बालों में लगाएं। इस विधि को दो-तीन बार अलग-अलग दिन पर आजमाए। बालों में कुदरती काला रंग आने लगेगा। 2. शिकाकाई (Shikakai) शिकाका

यहाँ युवक-युवती पहनते हैं एक जैसे कपड़े!

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              क्या आप ने कभी एेसे युवक-युवतियों के बारे में सुना है जो महज अपने शौक और समानता दिखाने के लिए एक जैसे कपड़े पहनते हों और उन्हें पहनकर बाजार जाते हों व शादी समारोह अटेंड करते हों? बांसवाड़ा जिले के आदिवासी युवक-युवतियों में एेसा चलन है।               ये युवक-युवतियां होली पर्व पर खेले जाने वाले परंपरागत नृत्य गेर में शामिल होने के लिए एक जैसे कपड़े पहनते हैं। इतना ही नहीं ये युवक-युवतियां इन कपड़ों को पहनकर बाजार भी जाते हैं।एक बुजुर्ग ने बताया कि यह कोई परंपरा व रिवाज नहीं है। युवक-युवतियों में यह चलन पिछले कुछ वर्षों से ही पनपा है। वहीं, एक युवक कचरु ने बताया कि हमारे सभी दोस्त एक जैसी पोशाक पहनते हैं। ताकि हम सब एक जैसे दिखें और हमारी पोशाक एकता का प्रतीक बने।

'नींबू पानी' पिलाकर कैसे 11 साल की लड़की ने कमाए 70 करोड़ ?

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              किस्मत के दरवाजे कब खुल जाएं कहा नहीं जा सकता। यह बात बिल्कुल सटीक बैठती है 11 वर्षीय मिकाइला उल्मेर पर जिसने कि एक डील से 1.10 करोड़ डॉलर (करीब 70 करोड़ रुपए) की भारी भरकम राशि कमाई है। मिकाइला ने हाल ही में 55 होल फूड स्टोर्स से अपने लेमनेड (नींबू पानी) के ब्रैंड की बिक्री के लिए डील की है।               'बी स्वीट' नाम का ये पेय अब 55 होल फूड स्टोर्स ने अपने टेक्सास, ओकलाहामा, अरकसांस और लुसियाना के स्टोर्स पर बिक्री के लिए उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। मिकाइला ने 2009 में अपने लैमनेड का बिजनेस शुरु किया था। इसमें वह नींबू के साथ धनिया, अलसी और शहद का भी इस्तेमाल करती है। ये फॉर्मूला मिकाइला ने अपनी पड़दादी से सीखा था जो कि 1940 से इसका इस्तेमाल कर रही थीं।

क्या होता है गोल्डन केला अवॉर्ड्स ?

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                          गोल्डन केला अवॉर्ड्स उस फिल्म को दिया जाता है जो वर्ष की सबसे बुरी फिल्म है। उन कलाकारों को दिया जाता है जिन्होंने बेहद बुरी एक्टिंग से दर्शकों को पकाया। ऐसी कई श्रेणियां हैं। ये पुरस्कार हर वर्ष घोषित किए जाते हैं, लेकिन इन्हें लेने के लिए कोई कलाकार नहीं जाता। 8वें गोल्डन केला अवॉर्ड के नॉमिनेशन घोषित किए गए और अप्रैल में विजेताओं के नाम बताए जाएंगे। 

18 साल की लडकी ने कैसे यूट्यूब से की हर माह $40,000 से ज्यादा की कमाई ?

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                अगर आपको अब भी विश्वास नहीं हो रहा कि यूट्यूब पर मात्र वीडियो अपलोड करने से कमाई हो सकती है तो जानिए ऐसी यंग लड़की के बारे में जिसका शॉपिंग का शौक उसे हर माह 40,000 डॉलर से ज्यादा की कमाई देता है।                18 साल की लडकी बेथनी मोटा अमेरिका में रहती है। वो कोई बिजनेस नहीं करती है और ना ही कहीं जॉब करती हैं, लेकिन इसके बावजूद इसके वो हर महीने लाखों कमा रही हैं। मोटा शॉपिंग करती हैं और उनका वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर देती हैं।                 बेथनी ने शुरू में अपने शॉपिंग के वीडियो यूट्यूब पर शेयर किए। लाखों लोग उसके इन वीडियोज को पसंद करने लगे। धीरे-धीरे उसने खुद का क्लाथिंग स्टोर खोल लिया। अब वह हजारों-लाखों लोगों के लिए एक सेलिब्रिटी है और जमकर कमाई कर रही है।